“भारत में सौर्य उर्जा”
“भारत में सौर्य उर्जा” सूर्य की रोशनी से भरपूर मात्रा में मिलती है।

सौर ऊर्जा एक स्वच्छ, नवीकरणीय और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध ऊर्जा स्रोत है। यह जीवाश्म ईंधन- जैसे कोयला तेल प्राकर्तिक गेस आदि, पर हमारी निर्भरता को कम करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस ब्लॉग में, हम भारत में सौर ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के परिदृश्य का विश्लेषण करेंगे।
विस्तृत जानकारी के लिये देखें:
“भारत में सौर्य ऊर्जा” की मांग

भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जिससे बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है।
पारंपरिक बिजली उत्पादन संयंत्र कोयले पर निर्भर करते हैं, जो एक सीमित और प्रदूषणकारी ईंधन स्रोत है।इसके अलावा,
भारत में ट्रांसमिशन और वितरण (T&D) घाटे का उच्च स्तर है। जिसके परिणामस्वरूप, कई क्षेत्रों में बिजली की कटौती होती है।
सौर ऊर्जा इन चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकती है। यह एक स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत है जिसका उपयोग बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
विस्तृत जानकारी के लिये देखें:
https://www.india.gov.in/gsearch?s=demand+of+solar+energy&op=Search
“भारत में सौर्य ऊर्जा “का बाज़ार आकार क्या है?

भारत के सौर ऊर्जा बाजार ने वर्ष 2023 में 10.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मूल्य उत्पन्न किया। तथा,
वर्ष 2024-2030 के दौरान, भारत में सौर ऊर्जा बाजार 13.4% सीएजीआर से बढ़ेगा। नतीजतन,
भारत का सौर ऊर्जा उद्योग वर्ष 2030 में 24.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य तक पहुंच जाएगा।
सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) भारत के सौर ऊर्जा बाजार में सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी प्रकार है।
“भारत में सौर्य ऊर्जा “की वर्तमान स्थिति क्या है?

यद्यपी,जमीन और छत पर लगे दोनों संयंत्रों को शामिल करते हुए, देश की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 31 मार्च 2024 तक 81.81 GWAC थी। तथापी,
अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक सौर बिजली उत्पादन में 102.01 TWh से बढ़कर 115.97 टेरावाट-घंटे (TWh) हो गया। अर्थात, पहले साल – 50 मिलियन टन कोयले की बचत।
विस्तृत जानकारी के लिये देखें:
https://mnre.gov.in/solar-overview/
भारत का सौर्य ऊर्जा का वर्तमान लक्ष्य
भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी सौर ऊर्जा लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
हाँलाकी,वर्ष 2022 के अंत तक, भारत ने 179.2 GW सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर ली है।
इसके अलावा , 2030 तक 500 GW का लक्ष्य रखा है।
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद के अनुसार, देश भर में 250 मिलियन से अधिक घरों में छतों पर 637 गीगावॉट सौर क्षमता स्थापित करने की क्षमता है।
हालाँकि, दिसंबर 2023 तक, भारत ने 40 गीगावॉट के लक्ष्य के मुकाबले केवल 11.08 गीगावॉट ग्रिड-कनेक्टेड आरटीएस स्थापित किया था।
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“भारत में सौर्य ऊर्जा ” का भावी विकास क्या है?
सौर फोटोवोल्टिक्स में वृद्धि बेहद स्केलेबल, टिकाऊ और सेवा योग्य है। वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा के हमारे लक्ष्य का मतलब है कि यदि लक्ष्य पूरा हो गया तो भारत अपनी जरूरतों का 50% उत्पन्न करेगा।
विस्तृत जानकारी के लिये देखें:
https://www.ibef.org/blogs/india-s-solar-power-revolution
“भारत में सौर्य ऊर्जा” की आपूर्ति
भारत सरकार सौर ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है। इनमें शामिल हैं:
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सब्सिडी योजनाएं:
सरकार ने सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी योजनाएं शुरू की हैं। इससे सौर ऊर्जा परियोजनाओं की लागत कम हो गई है और निवेश को प्रोत्साहन मिला है।
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नेट मीटरिंग योजना:
इस योजना के तहत, जो उपभोक्ता अपने छत पर सौर पैनल लगाते हैं, वे अतिरिक्त बिजली को ग्रिड पर वापस भेज सकते हैं।
फल्स्वरूप, बिजली बिलों में क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं।
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सोलर पार्कों का विकास:
सरकार बड़े सौर ऊर्जा पार्कों का विकास कर रही है|
फलस्वरूप, बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।

इन पहलों के कारण, भारत में सौर ऊर्जा की आपूर्ति में तेजी से वृद्धि हुई है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
विस्तृत जानकारी के लिये देखें:
https://www.pmsuryaghar.gov.in/
“भारत में सौर्य ऊर्जा ” के लिये चुनौतियां
भारत में सौर ऊर्जा के लिए चुनौतियां बहुत हैं |सौर ऊर्जा से संबंधित लाभ और जानकारी के लिए लिंक प्रस्तुत है:https://readwrite.in/solar-energy/
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निर्माण लागत:
हालांकि सब्सिडी लागत को कम करती हैं, फिर भी सौर ऊर्जा संयंत्रों की प्रारंभिक लागत अधिक हो सकती है।
विस्तृत जानकारी के लिये देखें:
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ग्रिड एकीकरण:

सौर ऊर्जा एक गैर-निश्चित स्रोत है, जिसका अर्थ है कि सूर्य की रोशनी की उपलब्धता के आधार पर बिजली उत्पादन में उतार-चढ़ाव आता है। ग्रिड को सौर ऊर्जा को कुशलतापूर्वक एकीकृत करने की आवश्यकता है।
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भंडारण:
सौर ऊर्जा का भंडारण फिलहाल महंगा है। रात में या बादल छाए रहने के दौरान बिजली उपलब्ध कराने के लिए भंडारण समाधानों की आवश्यकता है।
आवासीय प्रतिष्ठानों में सौर ऊर्जा को संग्रहीत करने के लिए बैटरियां अब तक का सबसे आम तरीका है।

“भारत में सौर्य उर्जा ” का भविष्य
भारत में सौर ऊर्जा की मांग और आपूर्ति दोनों तेजी से बढ़ रही है।
साथ ही साथ,सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से सौर ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है।
2024 में भारत की ऊर्जा नीति क्या है?
सरकारी सौर पैनल योजना 2024 के तहत, घर के मालिक जो इस समय सीमा से पहले अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करते हैं, वे वित्तीय प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। यह पहल सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है।
2025 में भारत का सौर ऊर्जा लक्ष्य क्या है?
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में भारत की वार्षिक नवीकरणीय क्षमता वृद्धि 15-18 गीगावॉट रहेगी। उसे वार्षिक आरई क्षमता वृद्धि का 75-80% यानी 14.5 गीगावॉट तक रहने की उम्मीद है।
“भारत में सौर्य ऊर्जा “का लक्ष्य 2030 में क्या है?
भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता का है। भारत का लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। इसे 125 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता द्वारा समर्थित किया जाएगा।
अबतक भारत में 37.49 गीगावॉट की कुल क्षमता वाले 50 सौर पार्कों को मंजूरी दी गई है|
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निष्कर्ष
भारत की विशाल धूप और गिरती सौर लागत भारत को भविष्य के नेता के रूप में स्थापित करती है। फलस्वरूप, प्रचुर मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा घरों, उद्योगों को शक्ति प्रदान कर सकती है और जलवायु परिवर्तन से लड़ सकती है| जिससे भारत आत्मनिर्भर और हरित बन सकता है।