आइये इस विषय पर मंथन करें कि मुझे जीवन मैं  क्या करना है ?What should I do next in my life?

हर एक वर्ग के प्राणी अपने ही वर्ग मैं रहते हैं | विभिन्न प्रकार के पशु/पक्षी अपने प्रकार के वर्ग मैं साफ साफ दिखाई देते हैं | जैसे कि हाथी का अलग समाज होता है, हिरण का अलग वर्ग होता है, चिड़ियों का अलग, तोते का अलग इत्यादि |

इसी के अनुसार मनुष्य का एक अलग समाज है/वर्ग है ,अर्थात मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है |

विभिन्न पशु/पक्षी की आवश्यकता सीमित होती है अतः प्रकर्ति उन आवश्यकताओं की पूर्ति करती है | परन्तु मनुष्य एक प्रगति शील प्राणी है अतः उसे स्वयं की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यों को प्रारंभ करना होता है | जैसे खेती करना, विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का अविष्कार करना, कारखाने चलाना, बाजार स्थापित कर उसका प्रबंध करना इत्यादि|

क्योंकी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है अतः उसे एक दूसरे का सहयोग करते हुए ही जीवन बिताने की राह अपनाना चाहिए | अन्यथा

असहयोग से वह स्वं अलग पड़ जाएगा और उसकी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु कोई भी सामने नहीं आएगा|

अब हम फिर से मुख्य विषय पर ध्यान करें कि मुझे क्या करना चाहिए|

उपरोक्त वाक्य में “मुझे” शब्द स्वं के स्वभाव के बारे में अध्यन की ओर निर्देशित करता है | जैसे कि  “मुझे फोटोग्राफी का काम  पसंद है” ,”मुझे कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर का काम पसंद  है” ,”मुझे घूमने का काम पसंद है” इत्यादि ,| हमें वही काम करना चाहिए जो हमारे स्वभाव की पसंद  है| अन्यथा हमें जिन्दगी मैं प्रसन्नता कम और मुश्किलें ज्यादा मिलती हैं |

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