Aim of life
Aim of Lifeप्रस्तावनाजीवन मैं आने के बाद इन्सान बचपन की अवस्था से कौमार्य अवस्था की तरफ बढता है तो उसकी उर्जा एवं मन विचलित होने लगते है |उसका दिमाग अनेकों…
आइये इस विषय पर मंथन करें कि मुझे जीवन मैं क्या करना है ?What should I do next in my life?
हर एक वर्ग के प्राणी अपने ही वर्ग मैं रहते हैं | विभिन्न प्रकार के पशु/पक्षी अपने प्रकार के वर्ग मैं साफ साफ दिखाई देते हैं | जैसे कि हाथी का अलग समाज होता है, हिरण का अलग वर्ग होता है, चिड़ियों का अलग, तोते का अलग इत्यादि |
इसी के अनुसार मनुष्य का एक अलग समाज है/वर्ग है ,अर्थात मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है |
विभिन्न पशु/पक्षी की आवश्यकता सीमित होती है अतः प्रकर्ति उन आवश्यकताओं की पूर्ति करती है | परन्तु मनुष्य एक प्रगति शील प्राणी है अतः उसे स्वयं की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यों को प्रारंभ करना होता है | जैसे खेती करना, विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का अविष्कार करना, कारखाने चलाना, बाजार स्थापित कर उसका प्रबंध करना इत्यादि|
क्योंकी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है अतः उसे एक दूसरे का सहयोग करते हुए ही जीवन बिताने की राह अपनाना चाहिए | अन्यथा
असहयोग से वह स्वं अलग पड़ जाएगा और उसकी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु कोई भी सामने नहीं आएगा|
अब हम फिर से मुख्य विषय पर ध्यान करें कि मुझे क्या करना चाहिए|
उपरोक्त वाक्य में “मुझे” शब्द स्वं के स्वभाव के बारे में अध्यन की ओर निर्देशित करता है | जैसे कि “मुझे फोटोग्राफी का काम पसंद है” ,”मुझे कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर का काम पसंद है” ,”मुझे घूमने का काम पसंद है” इत्यादि ,| हमें वही काम करना चाहिए जो हमारे स्वभाव की पसंद है| अन्यथा हमें जिन्दगी मैं प्रसन्नता कम और मुश्किलें ज्यादा मिलती हैं |
Aim of Lifeप्रस्तावनाजीवन मैं आने के बाद इन्सान बचपन की अवस्था से कौमार्य अवस्था की तरफ बढता है तो उसकी उर्जा एवं मन विचलित होने लगते है |उसका दिमाग अनेकों…