udyamita-entrepreneurship

आज का विशय मेरी चाह्तो के अनुरूप है क्योकीवही मेरे लेख और प्रबन्ध का स्वरूप हैक्योकी यह लेख आपकी सम्वेद्नाओ को जगाएगाइसिलिये आपको मेरी भावनाओ के अनुरूप पायेगाआइये समय का भरपूर दोहन करते हैआपसी विचारो का सुअवसर अध्यन करते हैस्व्यम का व्यापार दूसरो को व्यापारी बनाये यही उद्देश्य हैहम समाज को प्रगतिशील बनाये यही सन्देश है

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UNITY HAS STRENGTH

Udyamita ka vikas

Udyamita ka vikas, प्रस्तावना Udyamita ka vikas, आज का विषय मेरी चाहतों के अनुरूप है क्योंकि वही मेरे लेख और प्रबन्ध का स्वरूप है| क्योंकि  यह लेख आपकी संवेदनाओं को…

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