हस्तरेखा विज्ञान –कारण और परिणाम
भारतीय परिवेश को ध्यान में रख कर यह किताब लिखी गई है | चाइना देश मेंसबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला ज्योतिष शास्त्र “हस्तरेखा शास्त्र “है|इसी को हिन्दी में लिखित सम्पूर्ण किताब –हस्तरेखा शास्त्र –कारण और परिणाम को भारत मैं पहली बार प्रस्तुत किया जा रहा है | यह 500 से भी अधिक छाया चित्रों पर आधारित है |
किताब की उपयोगिता सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य है ,इसके माध्यम से आप स्वयं का भी अध्यन भी कर सकते हैं और जीवन के प्रति नया द्रष्टिकोण अपना सकते हैं,और अगर शौक हो तो दूसरों का भी अध्यन कर के उनको भी राह दिखा सकते हैं |हस्त रेखा विज्ञान किताब के सबसे महत्वपूर्ण और मजबूत लक्षण हैं की इसमें हाथ के नाखून से लेकर ,हथेली का रंग ,हथेली की रेखाएँ आदि का विस्तार से वर्णन किया हुआ है |
जीवन एक अंतहीन श्रंखला है और हम सब एक दूसरे के साथ विभिन्न विचारों के द्वारा जुड़े रहते हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते हैं | दूसरों के विचार स्वयं को और स्वयं के विचार दूसरों को या स्वयं के विचार स्वयं को कितना प्रभावित करते हैं ,इस प्रश्न का उत्तर हाथों के विभिन्न प्रकारों से और उनमें स्थापित रेखाओं एवं चिन्हों की आक्रती को देख कर किया जा सकता है | हाथ के आकार ,उसमें स्थापित पर्वतों के अनुरूप हमारा स्वभाव और शारीरिक संरचना होती है| इन्ही के अनुरूप हम कोई भी काम करना प्रारम्भ कर देते हैं | काम के अनुसार हाथ में रेखाएँ स्थापित होती हैं और बदलते हुए काम के अनुरूप उनका आकार एवं स्थान भी बदलता है | हमको यदि जीवन में सकारात्मक स्वभाव लाना है तो काम को सकारात्मक स्वभाव के अनुरूप अपनाना चाहिए ,परिणाम अच्छे ही मिलेंगे यदि हम नकारात्मक स्वभाव वाले हैं तो ऐसे काम को चुनना चाहिए जो स्वभाव को सकारात्मक बनाए | इस काम को करने के लिए हथेली का अध्यन मददगार साबित हो सकता है|
जीवन एक अंतहीन श्रंखला है और हम सब एक दूसरे के साथ विभिन्न विचारों के द्वारा जुड़े रहते हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते हैं | दूसरों के विचार स्वयं को और स्वयं के विचार दूसरों को या स्वयं के विचार स्वयं को कितना प्रभावित करते हैं ,इस प्रश्न का उत्तर हाथों के विभिन्न प्रकारों से और उनमें स्थापित रेखाओं एवं चिन्हों की आक्रती को देख कर किया जा सकता है | हाथ के आकार ,उसमें स्थापित पर्वतों के अनुरूप हमारा स्वभाव और शारीरिक संरचना होती है| इन्ही के अनुरूप हम कोई भी काम करना प्रारम्भ कर देते हैं | काम के अनुसार हाथ में रेखाएँ स्थापित होती हैं और बदलते हुए काम के अनुरूप उनका आकार एवं स्थान भी बदलता है | हमको यदि जीवन में सकारात्मक स्वभाव लाना है तो काम को सकारात्मक स्वभाव के अनुरूप अपनाना चाहिए ,परिणाम अच्छे ही मिलेंगे यदि हम नकारात्मक स्वभाव वाले हैं तो ऐसे काम को चुनना चाहिए जो स्वभाव को सकारात्मक बनाए | इस काम को करने के लिए हथेली का अध्यन मददगार साबित हो सकता है|
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Rural Development via Agriculture and Allied Sector
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