
Udyamita ka vikas, प्रस्तावना
Udyamita ka vikas, आज का विषय
मेरी चाहतों के अनुरूप है क्योंकि
वही मेरे लेख और प्रबन्ध का स्वरूप है|
क्योंकि यह लेख आपकी संवेदनाओं को जगाएगा,
इसिलिये आपको मेरी भावनाओ के अनुरूप पायेगा|
आइये समय का भरपूर दोहन करते है,
आपसी विचारो का सुअवसर अध्यन करते है|
स्वयं का व्यापार दूसरो को व्यापारी बनाये यही उद्देश्य है,
हम समाज को प्रगतिशील बनाये यही सन्देश है|
प्रगतिशील समाज ही सब को भाता है,
उसी के अनुसार हमारा स्वयं से नाता है |
अगर गरीबी है ज्यादा तो अमीरी का क्या काम है,
पैसा देकर काम कराना यही तो उसका नाम है |
Udyamita ka vikas aur लक्ष्य

हम Udyamita ka vikas कहाँ से लायेगे ,
इसी के लिये अमीरों को व्यापारी बनायेगे |
इसी व्यापार से गरीबों को काम मिलेगा
और वह भी अमीर हो जायेगे |
तदुपरान्त इस नये अमीर से व्यापार कराएगे,
उसी से ज्यादा गरीब को काम दिलाएंगे |
ज्ञान का प्रकाश ही कल्पना दृष्टियों को खोलता है ,
और वास्त्विक उपलब्ध्ता आत्म्विश्वास से तोलता है |
तो क्यो न आत्म विश्वास का लक्ष्य बनाये ,
छोटा व्यापार प्रारम्भ कर बड़ा व्यवसाये पाएं |
समय कि कमी तो हम सभी कि खलती है ,
वही तो इन्सान को उसी के अनुरूप तलती है |
आइये समय बचाएं, सब छोटों को बड़प्पन दिखाएं |
Udyamita ka vikas aur कारण

Udyamita ka vikas,-Online Education
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अच्छी से अच्छी पढ़ाई काम नहीं आती है,
अगर वह इंसान को अच्छा नहीं बनाती है |
अच्छा व्यक्तित्व नौकरी से ज्यादा व्यापार से आता है,
क्योंकी वह व्यापारी को आत्मविश्वासी पाता है |
आत्मविश्वास से आत्म -संतोष मिलता है,
स्वयं से ही रूठापन कम होता है |
ईश्वर तो सब ही के पास है उसी से रूठना क्या अच्छी बात है?
ईश्वर से रूठ्ना दुखदाई होता है ,
स्व्यम को दुखदाई करना कश्ट्दाई होता है |
विश्वास से समझिये मेरी बात ,
Globlisation के फल्स्वरूप,
प्रगती मैं नये उद्यमियो का होगा बड़ा हाथ |
स्व्यम का व्यापार सरकारी नीति रूप करना है,
और कार्यो का परिणाम प्रयासो से ही पढ़ना है |
Udyamita ka vikas aur कार्य योजना

क्र्पया स्वयं का रूप बदलिये, विश्विकरण के परिपेक्ष्य मे,
उद्यमिता विकास को लाइए |
नइ प्रबन्धन नीती नये काम तो लायेगी,
पर नइ तकनीकी की शान बेरोजगारी भी बढ़ाएगी |
क्या आप नई तकनीकी चाहते है?
तो क्यो नही स्व्यम को उस के अनुरूप ढालते है|
काम कठिन है प्रारम्भ तो कीजिये,
प्रयास अधिक हो तो परिणाम भी लीजिये|
कम्प्युटर कार्य शैली समय तो बचाती है,
पर बेरोजगारी भी बढ़ाती है |
बेरोजगारो को स्व्यम की राह पाना है, पर समय कम है इसीलिये जल्दी ही जाना है|
व्यापार के लिये शाखाएं अन्नत हैं, काम प्रारम्भ तो कीजिये परिणाम तुरन्त है|
परन्तु कार्यानुसार स्वयं मे परिवर्तन को लाना होगा,
स्वयं कि कमजोरियों पर विजय को पाना होगा|
Time Management
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स्वयं को कार्यनुसार समय पद्धत्ती मे ढलना है,
दूसरो की चाहतों को पूरा करने हेतु पलना है|
अगर नही ढल पाये तो कुछ नही कर पायेगे,
बिना कुछ सीखे सिखाये निरुदेश्य ही रह जायेगे|
करना और कराना यही मानव प्रकृति है
उसी के अनुरूप ढलना यही जीवन प्रव्रत्ती है|
व्यापारी की भी यही तो शान है, करना और कराना है यही तो काम है|
स्वयं कुछ व्यापार करके कमाइये,
मै समझता हूँ इसी मे भलाई है|
वर्तमान मे रोजगार मत तलाशिये,
व्यापार को आपके स्वरूप चलाइये |
समयानुसार स्वयं को अभिमानी पाएंगे,
जो कुछ किया है उसी के रूपानुसार जाएंगे|
व्यापार करना नही है सरल पर जब किया तो पियो गरल |
व्यापार मे समय से परिणाम मालूम नही है,
परन्तु सही है कर्म तो आपका नामी नही है|
स्वयं व्यापार करते हुये दूसरो से कराइये,
स्वयं कुछ कमाते हुये कुछ और कमाइये|
उद्यमिता विकास मे अनुभव साथ निभाता है,
कुछ काम करा सकने की क्षमता उनके मन मे लाता है|
एक लाख व्यापारी यदी कुछ माह मे बन जाएगे,
तो सच मानिये हम इस जगत मे बहुत बढ़ाई पायेगे|
पर यह सब करने के लिये मन मे कर्म भावना लाना है,
लक्ष्य निर्धारण कर पाने कि क्षमता मन मे पाना है|
लक्ष्य निर्धारण कर सकने कि लालसा मन मे लायेगे
तभी इस कठिन प्रोजेक्ट को पूर्ण कर सकना पायेगे|
दूसरो से व्यापार करा के हम स्वयं बहुत बढ़े हो जाएंगे,
सबसे पैसा पाकर उनकी नैया पार लगायेगे|
Udyamita ka vikas aur कार्य पद्धत्ती-1

कैसे करे यह काम बहुत बढ़ा है प्रश्न,
परन्तु कर सकने कि क्षमता उत्तर देती तुरन्त|
अपना लक्ष्य प्राप्त करने हेतु एन. जि. ओ. खुल्वाना है,
मानव सेवा का धर्म मर्म स्व्यम के अन्दर पाना है|
हमारे नये एन. जि. ओ. का रूप नये द्वार तो खोलेगा,
नये व्यापारी कार्यो को परिभाषाओं मे तोलेगा|
उपर लिखे सभी शब्द मेरी कल्पना का परिणाम है,
मेरी बेमांगी सलाह मेरी चाहत की शान है|
व्यापारी बनाने के लिये हम पूर्वाग्रही हो जायेगे,
तभी इस कार्य को करने की ममता मन के अन्दर पायेगे|
दूसरो कि सहयता लेकर के कुछ तो बन जाते दिलेर
कुछ तो इसके बाद भी नही करते मन मे फेर|
दिलेरो को पहले हमे अपने साथ मे लाना है,
और करा व्यापार उनसे उनका विश्वास बढ़ाना है|
नये व्यापारी का जीवन अनुभव नये लोगों को साथ मे लायेगा क्योकि यह कर्तव्य भावना वह सभी के अन्दर पायेगा|
दिलेरो को कैसे पह्चाने यह प्रश्न अनुत्तरित है,
पर अकल से जाने तो उत्तर त्वरित है|

Udyamita ka vikas aur कार्य पद्धत्ती-2
छोटा ही बढ़ा होता है यही प्राकर्तिक प्रव्रत्ती है,
यही दूसरो को जानने की अति उत्तम नीती है|
प्रश्न और उसके उत्तर हम सब साथ बनाएगे,
और उन्ही प्रश्नो को हम नये लोगो के सामने लायेगे |
जो देगा सही उत्तर वही क्रमानुसार आ जायेगा ,
स्वयम का लक्ष्य निर्धारण कर हमारा साथ भी पायेगा|
व्यापारी को व्यापार से पह्ले सरस्वती जी के पास जाना है,
तभी तो उसके बाद मे उसको लक्ष्मी जी को पाना है |
सरस्वती देवी भी हमेशा उन्ही के साथ मे जाती है ,
जिन्हे यह देवी हमेशा अत्म्विश्वासी पाती है|
इसीलिये हमारे प्रश्नो मे हमे अत्म्विश्वास को लाना है ,

और सही उत्तरो से उनका समाधान भी पाना है |
Udyamita ka vikas aur कार्य पद्धत्ती-2.1
इतने सारे लोग किस चीज का व्यापार कर जाएंगे,
इसी प्रश्न का हमसे समाधान वह पाएंगे |
इन्टर्नेट के माध्यम से हमको बहुत से व्यापारो को लाना है, उन्ही सब व्यापारो का हमको वर्गिकरण कराना है|
व्यापारो के समूहो को अलग अलग विषयों मे बाटेंगे,
तदुपरान्त उन्को उद्य्मिता के अनुकूल ही छाटेंगे|
बढ़ेऔर मध्यम व्यापारी हमारे साथ नही आयेगे,
सिर्फ छोटे व्यापारियों को हम अपने साथ मे पाएंगे|
उन्ही के अनूरूप हमें व्यापारों का आधार बनाना है,
तदुपरान्त उसी का विद्यालयों मे पाठ पढ़ाना है |
राजनैतिक कार्यशैली इस काम मे रोड़ा लायेगी ,
क्योकी वह इसके अन्दर स्वयं को सामने पायेगी|
हमे इस राजनैतिक रोड़े के साथ हाथ मिलाना है,
और सभी राजनैतिक पार्टि को साथ मे लाना है|
परन्तु एक लाख व्यापारी पालना कठिन लक्ष्य हो जाता है,
पर लक्ष्य हो तो रास्ता स्व्यम ही सामने आता है|
Udyamita ka vikas aur कार्य पद्धत्ती-३
क्यो न कुछ सरकारी उप्क्रमो को साथ मे लाएं ,और
उनके साथ ही चलते चलते अपना लक्ष्य भी पाएं|

एमपीकोन, सेड्मेप उप्क्रम हमारा साथ निभाएंगे, क्योंकि,
इसके साथ ही चलते चलते उद्यमिता विकास का लक्ष्य भी पाएंगे|
इस काम को करने के लिये हमारे हाथ मे पैसा होना है ,
तभी इस काम को कर सकने की क्षमता मन के अन्दर बोना है|
एमपीकोन, सेड्मेप उप्क्रम हमारा साथ निभायेगे ,
रुपयो पैसो के लिये विभिन्न परामर्श दे जायेगे|
हमे इस कल्पना को साकार कराना है तो,
सबसे पहले स्वयं को स्वयं के साथ मे पाना है|
कुछ पढ़े लिखे कर्मचारियो को साथ मे लाना है,
छोटे मध्यम प्रोजेक्ट कि, प्रोजेक्ट रेपोर्ट बनवाना है|
इन प्रोजेक्ट को उद्य्मी उप्लब्ध्ता कितने माह मे पायेगी,
अनेको प्रश्नो की जानकारी प्रोजेक्ट रिपोर्ट दे जायेगी|
सबसे पहले हमे विभिन्न सम्भागो मे जाना है,
वहा पर पढ़े लिखे को व्यापारी बनवाना है|
बहुत सम्भाग हमे बहुत विदयालयो मे पाएंगे,
फिर विद्यालय प्रबन्धक हमारा साथ निभाएंगे |
सम्भागो के बाद हमे जिले स्तर पर जाना है,
और सरकारी कार्यलयो से अनेको प्रश्नो को पाना है|
सरकारी नियम आदी बहुत कठिनाई लाते है,
कर्मभावना पर अनेको भार चढ़ाते जाते हैं|
इस काम की पहले स्वाट एनालिसिस करना होगी,
विदेशी व्यापारी की आशन्का मन मे धरना होगी
यह सब कार्य प्रारम्भ मे कठिन प्रतीत है,
पर ध्यान दे कर किया जाये तो सटीक है|
सर्वप्रथम तो हमे सरस्वती जी के पास ही जाना है ,

फिर कार्य के उपरान्त लक्ष्मी जी को आना है|
Udyamita ka vikas -Time management
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हर कार्य के लिये समय पद्धत्ती को लाना है,
इसी पद्धत्ती का विकास स्व्यम के अन्दर पाना है|
सरस्वत्ती को पाने मे समय अभाव खटकता है,
फिर लक्ष्मी जी का आगमन शान रूप से जगता है|
स्वयं सीखने के बाद कुछ और सीखते जाना है,
तभी तो लेने देने का नियम भी स्वयं बनाना है|
मुझे दृढ़ विशवास है आप सभी कि सहमति है,
स्वयं का नाम कमाने की यह अति उत्तम नीती है|
Udyamita ka vikas उप्सन्हार

आपका समय ही मेरे विचारो की शान है,
मुझे मालूम है उसी मे आपका नाम है |
मेरे विचारो से यदि आपकी सहमति होगी,
तो मेरे लिये यह सुअवसर नीति होगी |
अन्यथा मेरा लिखना होगा व्यर्थ ,
और आपका पढ्ना होगा निरर्थक |
मैंने स्वयं के अनुभवानुसार अपनी बात कही है,
मुझे मालूम नहीं की आपके अनुसार यह कितनी सही है
प्रदीप मेहरोत्रा
Health is the foremost wealth.