लघु उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने के तरीके Ways to Increase Productivity in Small Scale Industries

भूमिका : लघु उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने के तरीके

Productivity is  reduced input for same output

किसी भी उद्योग के द्वारा लाभ कमाने हेतु बहुत सारे कारक होते हैं ।उद्यमिता उनमें से एक है। ये एक महत्वपूर्ण कारक है जिससे राजस्व बढ़ता है हानि  कम होती है और लाभ बढ़ता है ।अर्थशास्त्र के अनुसार  दिए गए इनपुट से प्राप्त उत्पादन को उत्पादकता कहते हैं ।क्योंकि उत्पादकता बढ़ने से वित्तीय लाभ प्राप्त होता है इसलिए प्रबंधकौ एवं कर्मचारियों की मनोबल शक्ति बढ़ती है ।

इस ब्लॉग में लघु उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने हेतु विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला गया है ।

विवरण: लघु उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने के तरीके

विभिन्न प्रकार के उद्यमों में विभिन्न प्रकार के इनपुट उत्पादन हेतु दिए जाते हैं। तथा हर प्रकार के उद्यम के लिए विशिष्ट प्रकार की तकनीक उत्पादकता बढ़ाने हेतु प्रयोग की जा सकती है।

उत्पादकता बढ़ाने हेतु प्रयोग में ला सकने वाले सामान्य उपाय निम्नलिखित रूप से व्यक्त किये गए हैं:

  1. स्पष्ट उद्देश्य का निर्धारण

प्रबंधन से लेकर प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिदिन अपने कार्य का उद्देश्य मालूम होना चाहिए। इससे निम्नलिखित  लाभ प्राप्त होते हैं :

  • किये जाने वाले कार्य से परिणाम प्राप्त करने में सुविधा मिलती है
  • परिणाम मिलने पर मनोबल बढ़ता है
  • स्वयं की कमजोरियों का आकलन स्वयं करने में सुविधा होती है
  • प्रत्येक कर्मचारी उद्योग के मिशन और विजन से स्वयं को जोड़ सकता है
  • उद्यम को लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग मिलता है

 2.व्यक्तिगत कौशल पर आधारित भूमिकाओं का निर्धारण

प्रत्येक इंसान की कौशल क्षमता अलग अलग होती है ।अधिकतर कर्मचारियों को उनकी कुशलता पहचान कर कार्य आवंटित किया जाना चाहिए। ये पाया गया है कि ऐसा करने से कर्मचारी नई चुनौतियों को स्वीकार करने हेतु पहले दिखाते हैं, जिससे उद्यम सफलता की ओर बढ़ता है। अतः उद्यम के प्रबंधक को ऐसे अवसरों को ढूंढना चाहिए जहाँ की कर्मचारी की कुशलता का भरपूर उपयोग किया जा सके। ये तरीके अपनाने से व्यावसायिक लक्ष्य प्राप्त करने में सुविधा मिलती है ।

3.प्रबंधकों का प्रशिक्षण

उत्पादकता बढ़ाने हेतु प्रबंधको का पूर्व प्रशिक्षण आवश्यक है। जिससे वह कर्मचारियों में काम बांटने में सक्षम सिद्ध होते हैं। सही कर्म आवंटन के फलस्वरूप सही परिणाम समयानुसार प्राप्त होते हैं। जिससे प्रबंधन और कर्मचारी दोनों को अधिक मनोबल का लाभ मिलता है। इसीलिए उद्यम के संगठन को प्रभावी नेतृत्व हेतु प्रबंधको के प्रशिक्षण का उपाय करना चाहिए। साथ ही साथ समस्याओं पर विभिन्न कोचिंग कार्यक्रम से परिचित कराना चाहिए।

4.कर्मचारियों में निवेश

तकनीकी परिवेश निरंतर प्रगतिशील है। अतः प्रबंधन को कर्मचारियों को सफल बनाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से पारंगत कराते रहना चाहिए। साथ ही साथ प्रबंधक और कर्मचारी दोनों को असफलताओं से सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए तथा स्वयं के प्रयास में सुधार करके प्राप्त परिणामों का मूल्यांकन भी करना चाहिए। इस हेतु कर्मचारियों को अतिरिक्त समय देना पड़ सकता है। संगठन को प्रेरणा देने के लिए निवेश करने के लिए तैयार रहना चाहिए।यह प्रयास उत्पादकता को बढ़ावा देता है ।

5.टीम के सदस्यों का एक दूसरे को सहयोग

संगठन में एक दूसरे को सहयोग देने के माध्यम से कर्मचारी प्रयासरत रहते हैं अतः टीम सहयोग दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। सहयोग के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान होता है,कार्य  निष्पक्ष रूप से प्रतिपादित होते हैं, और कार्यों में आवंटन सही प्रकार से होता है। जब सभी को अपना लक्ष्य मालूम होता है तो सहयोगात्मक दृष्टिकोण परिणाम दिलाने में सार्थक सिद्ध होता है। जिसके फलस्वरूप निर्धारित उत्पादकता में बढ़ोतरी संभावित रहती है।

6.सूक्ष्म प्रबंधन पर नियंत्रण

सूक्ष्म प्रबंधन नजरिया अधिकतर समय वह परिणाम नहीं दे पाता है जिसकी आवश्यकता होती है। सूक्ष्म प्रबंधन में प्रबंधक कर्मचारियों के प्रत्येक काम पर निगाह रखते हैं जिसके फलस्वरूप कर्मचारियों में संशय की भावना उत्पन्न होती है जो की उत्पादकता के लिए नुकसानदेह है। अतः कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर ध्यान देकर उनको कार्य हेतु स्वायत्तता प्रदान करना चाहिए प्रबंधन का सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पादकता को बढ़ाएगा ।

7.उत्पादकता हेतु कल्याण कार्यक्रम

संगठन में प्रत्येक कर्मचारी स्तर तक उत्पादकता की भावना आवश्यक है। इस कार्य के लिए विभिन्न स्तरों द्वारा विभिन्न मानसिक जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम और परामर्श सेवाओं जैसे उपयोगी कार्यक्रम में भागीदारी आवश्यक है। इसके फलस्वरूप हर स्तर पर कर्मचारी पहल करते हैं । जिससे उत्पादकता बढ़ती है और सुखद कार्य वातावरण का निर्माण होता है।

8.प्रबंधन में पारदर्शिता

प्रबंधन में पारदर्शिता आवश्यक है। जब हर स्तर पर कार्य परिभाषित होता है और उसकी विस्तृत जानकारी कर्मचारी के पास होती है तो उनको मालूम होता है कि प्रत्येक कर्मचारी से क्या क्या परिणाम अपेक्षित है। इसके फलस्वरूप कर्मचारियों में जिम्मेदारी की भावना और पहल करने की संभावना बढ़ जाती है। इसको करने से उत्पादकता बढ़ती है और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए, संगठन कंपनी के बारे में कर्मचारियों को न्यूज़लेटर/ टीम मीटिंग/ नोटिस बोर्ड आदि के माध्यम से सूचित कर सकता है। इस कार्य से संगठन मजबूत होता है।

9.प्रौद्योगिकी का उपयोग:

नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करके उत्पादन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आधुनिक मशीनों और ऑटोमेशन उपकरणों का उपयोग उत्पादन प्रक्रिया को तेज कर सकता है।

10.कर्मचारियों का प्रशिक्षण:

कर्मचारी प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी कौशलता और ज्ञान को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। इससे वे कार्य में अधिक उत्पादक और कुशल बन सकते हैं।

11.कार्यप्रणाली में सुधार:

उत्पादन प्रक्रियाओं की समीक्षा करें और उन क्षेत्रों की पहचान करें जहाँ सुधार की गुंजाइश है। कार्य प्रवाह को बेहतर बनाने और अनावश्यक गतिविधियों को हटाने के लिए सुधार करें।

12.गुणवत्ता नियंत्रण:

उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सख्त गुणवत्ता नियंत्रण उपाय अपनाएं। उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उत्पादन में कम समय और संसाधनों की आवश्यकता होगी।

13.प्रेरणा और मान्यता:

कर्मचारियों को प्रेरित और मान्यता देकर उनके कार्यप्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है। प्रोत्साहन योजना और पुरस्कार कार्यक्रमों का आयोजन करें ताकि वे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हों।

बैक लिंक्स:

https://www.oneadvanced.com/news-and-opinion/ways-to-increase-productivity-in-the-workplace/

 (कृपया ध्यान दें कि बैक लिंक्स वास्तविक साइट्स की ओर इशारा नहीं करते हैं। वास्तविक बैक लिंक्स के लिए आपको संबंधित उद्योग और विषय की वेबसाइट्स का अनुसंधान करना होगा।)

निष्कर्ष :

किसी भी उद्यम  को ज्यादा लाभ कमाने हेतु राजस्व बढ़ाना होगा। ज़्यादा राजस्व के लिए उत्पादकता को बढ़ाना आवश्यक है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय प्रयोग में लाए जाते हैं। उत्पादकता हेतु प्रबंधन और कर्मचारी दोनों की भागीदारी आवश्यक है ।

 

 

Leave a Reply

Popular Post

कृषि (Agriculture) में AI का उपयोग Use of AI in Agriculture

भूमिका : कृषि (Agriculture) में AI का उपयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जिसे AI के रूप में भी जाना जाता है, एक शाखा है जो मशीनों को मानव जैसी बुद्धिमत्ता और क्षमता

Read More »

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का परिचय और दैनिक जीवन में इसका उपयोग Introduction to Artificial Intelligence (AI) and its use in daily life

भूमिका : कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का परिचय और दैनिक जीवन में इसका उपयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्या है? कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जिसे AI के रूप में भी जाना जाता है, एक

Read More »

लघु उद्योगों में उत्पाद नवाचार : Product innovation in small scale industries

भूमिका : लघु उद्योगों में उत्पाद नवाचार लघु उद्योग किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। ये उद्योग रोजगार के नए अवसर प्रदान करते हैं और देश की

Read More »

ट्यूटर समर्थन के विस्तृत पहलू: Detailed aspects of tutor support

भूमिका : ट्यूटर समर्थन के विस्तृत पहलू डिजिटल विश्वविद्यालयों में ट्यूटर सहायता छात्रों को अकादमिक रूप से मदद करती है और उनके समग्र विकास और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती

Read More »

डिजिटल यूनिवर्सिटी-चुनौतियाँ और समाधान Digital University-Challenges and Solutions

भूमिका: डिजिटल यूनिवर्सिटी-चुनौतियाँ और समाधान डिजिटल विश्वविद्यालय क्रांतिकारी होने के साथ-साथ कई चुनौतियों का सामना करते हैं, जिन्हें उनके प्रभावी कामकाज के लिए संबोधित करने की आवश्यकता है। इस ब्लॉग

Read More »