भूमिका: भारत में सोलर एनर्जी व्यवसाय के अवसर
‘सौर ऊर्जा’ सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा का नाम है। इस ऊर्जा को बिजली या अग्नि ऊर्जा में बदला जा सकता है। 365 दिनों में से 300 दिन तक भारत में प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा धूप के माध्यम से उपलब्ध रहती है इसलिए इसका उपयोग ऊर्जा के दूसरे रूपों में परिवर्तन के लिए किया जा सकता है। इस ब्लॉग में भारत में सौर ऊर्जा व्यवसाय के विभिन्न अवसरों के बारे में विस्तार से विवरण किया गया है
विवरण भारत में सोलर एनर्जी व्यवसाय के अवसर
सौर ऊर्जा को बिजली और अग्नि ऊर्जा में परिवर्तन कर के उपयोग में लाने हेतु निम्नलिखित कदम उठाने का आवश्यकता रहती है
ऊर्जा परिवर्तन
सिलिकॉन पदार्थ प्रमुख कच्चा माल है जिसके माध्यम से सौर ऊर्जा को फोटोवोल्टेक पद्धति से बिजली ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है । फोटोवोल्टेक पद्धति के निम्नलिखित अवयव होते हैं
- सोलर पैनल जो की धूप सोखता है और उसे बिजली ऊर्जा में परिवर्तित करता है
- सोलर इन्वर्टर जो की डीसी करंट को एसी करंट हमें बदलता है
- अन्य बिजली योजना के सामान जैसे कि केवल जोड़ने का सामान विभिन्न अवयव इत्यादि ताकि धूप से उपयोगी बिजली में परिवर्तन हेतु कार्य प्रणाली स्थापित की जा सके।
भारत में सिलिकॉन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध नहीं है इसीलिए आप सिलिकॉन के उत्पादों का इम्पोर्ट करने का काम कर सकते हैं
सोलर उर्जा के प्रकार
- सोलर पावर प्लांट जो कि बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन करता है
- रूफ टॉप सोलर सिस्टम आवासीय और छोटे व्यवसायों के लिए
- सोलर थर्मल सिस्टम गर्म पानी और हीटिंग करने के लिए
तकनीकी उपलब्धता
भारत ने सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अलग अलग राज्यों में विभिन्न निगमों और संस्थानों की स्थापना की है आप इन निगमों को तकनीकी जानकारीयों के समाधान हेतु संपर्क कर सकते हैं ।
सौर ऊर्जा मैं व्यापारों के प्रकार
अगर आप सोलर एनर्जी से पैसे कमाना चाहते हैं तो उसके लिए बहुत सारे माध्यम है जैसे की
- विनिर्माण: सौर ऊर्जा को उत्पादित करने हेतु हम निम्नलिखित उत्पादों का चयन कर सकते हैं
- सोलर पैनल
- इनवर्टर
- बैटरीज़
- वेयरहाउज़िंग: बेचने से पहले उत्पादित सोलर प्रॉडक्ट को जमा करने हेतु
- बेचना: हम सोलर उत्पादों को दुकान के माध्यम से या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन बेच सकते हैं
- शोध संस्थान: हम सोलर एनर्जी के उत्पादन हेतु लगने वाले विभिन्न कच्चे माल के नवाचार हेतु शोध संस्थान स्थापित कर सकते हैं
- मरम्मत एवं रखरखाव: उत्पादित सोलर उत्पादों को समय समय पर मरम्मत एवं रखरखाव की आवश्यकता होगी
- इन्स्टॉलेशन व्यापार: इसको कर रहे हैं तो सोलर पैनल बनाने वालों से तकनीकी एग्रीमेंट करके विभिन्न जगह पर इन्स्टॉलेशन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं
- सोलर शक्ति युक्त घर के विभिन्न सामान: जैसे की सोलर कुकर, सोलर शक्ति युक्त एयर कंडिशनर इत्यादि
- कुछ अन्य प्रकार के व्यापार भी आप कर सकते हैं इसके लिए रेफर करें निम्नलिखित वेबसाइट:
https://startuptalky.com/10-solar-business-ideas/
वर्तमान स्थिति
भारत में सोलर एनर्जी उत्पादन की वर्तमान स्थिति उल्लेखनीय है। सरकार की विभिन्न योजनाओं और सब्सिडियों ने इसे एक लाभदायक व्यवसाय बनाने में मदद की है। राष्ट्रीय सोलर मिशन और राज्यों की सोलर नीति ने इस क्षेत्र को और भी मजबूती दी है।
वित्तीय लाभ
सोलर एनर्जी व्यवसाय में निवेश करने पर अनेक वित्तीय लाभ हैं, जैसे:
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लंबी अवधि के निवेश पर उच्च लाभ:
- एक बार सोलर पैनल लगाने के बाद, 25-30 वर्षों तक बिजली उत्पादन हो सकता है।
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सब्सिडी और टैक्स लाभ:
- सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सब्सिडियों और टैक्स लाभों का फायदा उठाया जा सकता है।
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बिजली की बचत:
- खुद की बिजली उत्पादन से बिजली के बिल में कटौती होती है।
तकनीकी विकास
तकनीकी विकास ने सोलर एनर्जी को और भी सस्ता और कुशल बना दिया है। नई तकनीकों जैसे कि बैटरी स्टोरेज और स्मार्ट ग्रिड से इस क्षेत्र में अधिक प्रगति हो रही है।
भविष्य की संभावनाएं
सोलर एनर्जी क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं अत्यंत उज्ज्वल हैं। अगले कुछ वर्षों में, यह उद्योग और भी विस्तारित होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
निष्कर्ष
सोलर एनर्जी व्यवसाय में निवेश भारत में एक लाभदायक और सतत विकास की ओर बढ़ने का अवसर है। इसका सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव भी महत्वपूर्ण है।
स्रोत
- राष्ट्रीय सोलर मिशन
- https://mnre.gov.in
- भारत सरकार की सोलर एनर्जी योजनाएं
- https://india.gov.in/topics/environment-forest/renewable-energy